Wednesday 29 January 2014

KUNDALI ME AAKARSHAN KE KARAK

Rashi  Stri Purush sambandh –AKARSHAN



 ज्योतिष् के अनुसार कुंडली मे , के कारक ग्रह मंगल और शुक्र माने जाते है. यदि किसी स्त्री की कुंडली मे मंगल उस राशि मे स्थित है ,जिसमे पुरुष की कुंडली मे शुक्र  बैठा हो  उस स्त्री और उस पुरुष की दृष्टि के प्रथम मिलन मे ही उनके बीच प्रेम और प्रबल कामकर्षन उत्पन्न हो जाएगा. ये दोनो यौन संबंध कायम कर लेंगे .यह प्रेम और यौन संबंध उतने ही प्रगाढ़ होंगे जितने  ये दोनो ग्रह ......................

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VIVAH AKARSHAN ME KAMI , आकर्षण

Rashi  Stri Purush sambandh –AKARSHAN


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 ज्योतिष् के अनुसार कुंडली मे , के कारक ग्रह मंगल और शुक्र माने जाते है. यदि किसी स्त्री की कुंडली मे मंगल उस राशि मे स्थित है ,जिसमे पुरुष की कुंडली मे शुक्र  बैठा हो  उस स्त्री और उस पुरुष की दृष्टि के प्रथम मिलन मे ही उनके बीच प्रेम और प्रबल कामकर्षन उत्पन्न हो जाएगा. ये दोनो यौन संबंध कायम कर लेंगे .यह प्रेम और यौन संबंध उतने ही प्रगाढ़ .......................................

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RASHI AKARSHAN Stri Purush sambandh

Rashi  Stri Purush sambandh –AKARSHAN

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 ज्योतिष् के अनुसार कुंडली मे , के कारक ग्रह मंगल और शुक्र माने जाते है. यदि किसी स्त्री की कुंडली मे मंगल उस राशि मे स्थित है ,जिसमे पुरुष की कुंडली मे शुक्र  बैठा हो  उस स्त्री और उस पुरुष की दृष्टि के प्रथम मिलन मे ही उनके बीच प्रेम और प्रबल कामकर्षन उत्पन्न हो जाएगा. ये दोनो यौन संबंध कायम कर लेंगे .........................

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Saturday 11 January 2014

RASHI PREM VIVAH -stri purush sambandh

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गणित ज्योतिष् मे प्रेम का प्रतिनिधि पंचम भाव को माना गया है.एसके अतरिक्त  लग्न,दूसरा भाव, चौथा भाव,सातवा भाव,बारहवा भाव, और एनके स्वामीयो  की कुंडली मे स्थिति को भी देखा जाता है. स्त्री जातको के प्रेम के विषय मे उनके विवाह के संचालक ग्रह मंगल और चंद्र  को भी देखा    जाता है. यदि पंचमेश या पंचम भाव मे स्थित ग्रह या उस पर दृष्टि रखने वेल ग्रह 6,8,12 भाव से संबद्ध ना हो और विशेषकर द्वितीय , चतुर्थ , सप्तम भाव से संबद्ध हो तो यह स्पष्ट समझना  चाहिए की वह  किसी के प्रेम मे अवश्य  पड़ेगी.................

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ganesh dev ki peeth

https://youtu.be/HniBLBX_8_M