Saturday 1 March 2014

Drawing room in vastu



                                        VASTU KE ANUSAR DRAWING ROOM
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VASTU KE ANUSAR DRAWING ROOM KI GHAR ME POSITION वास्तु शास्त्र में ड्राइंग रूम को लेकर कोई विशेष चर्चा नहीं है। कुछ नौसिखिये वास्तुशास्त्रयों ने वायव्य कोण में ड्राइंग रूम बनाने का प्रस्ताव किया है जो कि प्राचीन वास्तु शास्त्रों की भाव
ना के अनुरूप नहीं है। वराहमिहिर के अनुसार वायव्य कोण में धान्यागार अर्थात अन्न भण्डारण की व्यवस्था प्रस्तावित की गई थी और पश्चिम दिशा मघ्य से वायव्य कोण पर्यन्त रोदन कक्ष हुआ करता था। अन्न भण्डारण वायव्य कोण में होने का अर्थ उच्चाटन की प्रकृति होने के कारण अधिक अन्न का खर्च होना माना गया है। प्राचीन भारतीय वैदिक ऋषि यह मानते थे, जिस घर में अधिक अन्न खर्च होगा वह घर अधिक मेहमान आने के कारण शीघ्र उन्नति को होगा। अर्थात जिस घर में वर्ष में 2 बोरी गेहूं खर्च होता है, वायव्य में भण्डारण के कारण 3 बोरी खर्च हो जाएगा। आधुनिक महिलाएं...................................................

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