Friday 23 May 2014

shadi me deri ka upay

                                                                गौरीशंकर रुद्राक्ष

जब विवाह मे अत्यधिक विलंब हो रहा हो, विवाह हो गया हो और जीवन साथी से सामंजस्य नही बन रहा हो , तलाक़ की अर्थात दांपत्य जीवन तार तार होने की नौबत आ गयी हो और इन समस्याओं से छुटकारा पाने के विभिन्न उपाय भी नाकाफ़ी हो गये हो , तो गौरीशंकर रुद्राक्ष तत्काल सुफल प्रदान करता है. गौरीशंकर रुद्राक्ष को मुख्य रूप से विवाह मे आ रही बाधाओं के निवारण , शीघ्र विवाह और सफल दांपत्य जीवन के लिए धारण किया जाता है. गौरीशंकार रुद्राक्ष अद्भुत , अनोखा, दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है. जब दो रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से आपस मे जुड़े हुए होते है, उस युगल रुद्राक्ष को शिव और शिवा का प्रतीक मानते हुए --------

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gauri shankar rudraksh

                                                           गौरीशंकर रुद्राक्ष

जब विवाह मे अत्यधिक विलंब हो रहा हो, विवाह हो गया हो और जीवन साथी से सामंजस्य नही बन रहा हो ,
तलाक़ की अर्थात दांपत्य जीवन तार तार होने की नौबत आ गयी हो और इन समस्याओं से छुटकारा पाने के विभिन्न उपाय भी नाकाफ़ी हो गये हो , तो गौरीशंकर रुद्राक्ष तत्काल सुफल प्रदान करता है. गौरीशंकर रुद्राक्ष को मुख्य रूप से विवाह मे आ रही बाधाओं के निवारण , शीघ्र विवाह और सफल दांपत्य जीवन के लिए धारण किया जाता है. गौरीशंकार रुद्राक्ष अद्भुत , अनोखा, दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है. जब दो रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से आपस मे जुड़े हुए होते है, उस युगल रुद्राक्ष को शिव और शिवा का प्रतीक ------

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Thursday 22 May 2014

vastu ke anusar bed room

वास्तु में शैया का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि मनुष्य अपने जीवन का एक तिहाई भाग शयनकक्ष में ही बिताता है। योगशास्त्र में भी निद्रा की अवधि और अवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें जागृत, स्वप्न, सुषुप्ति व तुरीय चार अवस्थाएँ बताई गई हैं। 

वास्तुशास्त्र में शैया के लिए लकड़ी के स्पष्ट निर्देश हैं कि वृक्ष की आयु का परीक्षण करके ही उसका प्रयोग करना चाहिए। दक्षिण भारत के ग्रंथों में शैया के लिए चंदन का प्रयोग भी उचित ठहराया गया है। 

शैया की माप के बारे में विधान है कि शैया की लंबाई सोने वाले व्यक्ति की लंबाई से कुछ अधिक होना चाहिए। पलंग में लगा शीशा वास्तु की दृष्टि से दोष है, क्योंकि शयनकर्ता को शयन के समय अपना प्रतिबिम्ब नजर आना उसकी आयु क्षीण करने के अलावा दीर्घ रोग को जन्म देने वाला होता है।
एक आरामदायक शयन कक्ष के लिए जो तथ्य जरूरी हैं, वे हैं आरामदायक पलंग, आँखों को भाने वाली रोशनी और कमरे की सजावट। कमरे की सजावट के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं-


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ganesh dev ki peeth

https://youtu.be/HniBLBX_8_M