Thursday, 31 December 2015
mangal makan aur bhoomi sukh
मंगल व भूमि मकान
मंगल को भूमि का और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है, इसलिए अपना मकान बनाने के लिए मंगल की स्थिति कुंडली में शुभ तथा बली होनी चाहिए. स्वयं की भूमि अथवा मकान बनाने के लिए चतुर्थ भाव का बली होना आवश्यक होता है, तभी व्यक्ति घर बना पाता है.
मंगल का संबंध जब जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव से बनता है तब व्यक्ति अपने जीवन में कभी ना कभी खुद की प्रॉपर्टी अवश्य बनाता है. मंगल यदि अकेला चतुर्थ भाव में स्थित हो तब अपनी प्रॉपर्टी होते हुए भी व्यक्ति को उससे कलह ही प्राप्त होते हैं अथवा प्रॉपर्टी को लेकर कोई ना कोई विवाद बना रहता है.
मंगल को भूमि तो शनि को निर्माण माना गया है. इसलिए जब भी दशा/अन्तर्दशा में मंगल व शनि का संबंध चतुर्थ/चतुर्थेश से बनता है और कुंडली में मकान बनने के योग मौजूद होते हैं तब व्यक्ति अपना घर बनाता है. चतुर्थ भाव/चतुर्थेश पर शुभ ग्रहों का प्रभाव घर का सुख देता है. चतुर्थ भाव/चतुर्थेश पर पाप व अशुभ ग्रहो का प्रभाव घर के सुख में कमी देता है और व्यक्ति अपना घर नही बना पाता है.
चतुर्थ भाव का संबंध एकादश से बनने पर व्यक्ति के एक से अधिक मका........................................................
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Wednesday, 30 December 2015
kala jadu
काला जादू
कई समृद्ध व्यक्तियों को काला जादू के द्वारा बर्बाद किया जा चुका है। काला जादू का प्रयोग दूसरे व्यक्ति को हानि पहुँचाना या चोट पहुंचाने के लिए कुछ विषेष तरह की क्रियाओं के द्वारा सम्पन्न किया जाता है। इस प्रथा का प्रभाव हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति पर भी देखा गया है। इस तरह की ऊर्जा प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर मौजूद होती है जिसका प्रभाव व्यक्ति की सोच तथा उसकी आत्मा की प्रकृति पवित्र या दुष्ट है इस पर निर्भर करती है। इस शक्ति का प्रयोग किसी विषेष व्यक्ति के स्वार्थपूर्ति हेतु या किसी दूसरे व्यक्ति या जगह को हानि पहुंचाने में किया जा सकता है।
काला जादू से प्रभावित व्यक्ति के कुछ साधारण लक्षण हैं जैसे श्वांसों में भारीपन तथा तेज चलना, गले में खिंचाव, जांघ पर नीले रंग के निषान बिना किसी चोट के, घर में बिना किसी विषेष कारण के कलह/ लड़ाई-झगड़ा, घर के किसी सदस्य की अप्राकृतिक मृत्यु, व्यवसाय/नौकरी में मन नही लगना और मन मे बिना वजह डर रहना ।
काला जादू का मुख्य ध्येय शत्रु को उस स्थान से भगाना, उसे मार देना या पागल कर देना होता है। काला जादू को एक आसान उपाय के रूप में वो लोग अपनाते हैं जोकि दूसरों की सफलता से ईष्र्या करते हैं। इस तरह के व्यक्तियों के अन्दर नकारात्मकता, ईष्र्या, लालच, निराषा, कुंठा इस तरह से घर कर जाती है कि वे दूसरों की सफलता, उन्नति, समृद्धि को स्वीकार नहीं कर पाते हैं तथा वे उस व्यक्ति से प्रतिषोध लेने के लिए काला जादू के द्वारा उसके लिए परेषानियां पैदा कर आनंद का अनुभव करते हैं।
काला जादू से प्रभावित व्यक्ति के लक्षण
रात को डरावने सपने आते हैं: तांत्रिक हमले के दौरान रात को सोते समय...............
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काला जादू का मुख्य ध्येय शत्रु को उस स्थान से भगाना, उसे मार देना या पागल कर देना होता है। काला जादू को एक आसान उपाय के रूप में वो लोग अपनाते हैं जोकि दूसरों की सफलता से ईष्र्या करते हैं। इस तरह के व्यक्तियों के अन्दर नकारात्मकता, ईष्र्या, लालच, निराषा, कुंठा इस तरह से घर कर जाती है कि वे दूसरों की सफलता, उन्नति, समृद्धि को स्वीकार नहीं कर पाते हैं तथा वे उस व्यक्ति से प्रतिषोध लेने के लिए काला जादू के द्वारा उसके लिए परेषानियां पैदा कर आनंद का अनुभव करते हैं।
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रात को डरावने सपने आते हैं: तांत्रिक हमले के दौरान रात को सोते समय...............
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Thursday, 17 December 2015
BRIHASPATI बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करें गुरुवार को
BRIHASPATI बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करें गुरुवार को
गुरुवार को प्रसन्न करें बृहस्पति ग्रह को
गुरुवार परोपकार और अध्यात्म का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरुवार को गाय का पूजन करने और गौ सेवा करने का भी विधान है,
इसलिए गुरुवार को गाय की सेवा करनी चाहिए। गुरुवार को अगर गाय आपके द्वार पर आए तो उसे यथाशक्ति कुछ खाने के लिए जरूर देना चाहिए।
इस दिन गाय को कटु वचन नहीं बोलने चाहिए और पीड़ा नहीं देनी चाहिए। बेहतर होगा कि गाय को जीवन में भी कभी पीड़ा न दें।
गुरुवार देवगुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन
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Wednesday, 16 December 2015
pooja vishesh पूजा समय विशेष सावधानी
पूजा समय विशेष सावधानी
भगवान की पूजा हमेशा ही फल देती हैं, पर वो पूरे दिल और श्रधा से करनी चाहिये। सौभाग्य को बढ़ाने के लिये पूजा करते समय भगवान को क्या अर्पित करे और क्या नहीं
– भगवान शिव को बेलपत्र
– भगवान विष्णु को तुलसी
– भगवान गणेश को दुर्बा
– भगवान सूर्य देव को लाल कनेर के फूल अति प्रिय: हैं
पूजा करते समय किस वास्तु को कहां रखे –.............................................
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– भगवान विष्णु को तुलसी
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– भगवान सूर्य देव को लाल कनेर के फूल अति प्रिय: हैं
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Wednesday, 2 September 2015
pitra paksh pooja
श्राद्ध पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन
श्राद्ध पक्ष में पितर देवताओं के लिए विशेष धूप-ध्यान किया जाता है। इन दिनों खीर-पुड़ी बनाई जाती है, ब्राह्मण को भोजन
कराया जाता है और कंडे (उपले) जलाकर उस पर पितरों के लिए धूप अर्पित किया जाता है।
पितरों की कृपा के बिना नहीं मिलती है लक्ष्मी कृपा
शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन किया जाना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता
प्रसन्न नहीं होंगे तो आपको महालक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। पितरों की कृपा
के बिना कड़ी मेहनत के बाद भी उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है और कार्यों में बाधाएं बढ़ जाती हैं। पितरों को
तृप्त for more detail plz click this http://trinetraastro.com/uncategorized/861/
श्राद्ध पक्ष में पितर देवताओं के लिए विशेष धूप-ध्यान किया जाता है। इन दिनों खीर-पुड़ी बनाई जाती है, ब्राह्मण को भोजन
कराया जाता है और कंडे (उपले) जलाकर उस पर पितरों के लिए धूप अर्पित किया जाता है।
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शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन किया जाना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता
प्रसन्न नहीं होंगे तो आपको महालक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। पितरों की कृपा
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Tuesday, 1 September 2015
santan muhurt
श्रेष्ठ
संतान के लिये मुहूर्त देखकर करें गर्भधारण -
ऋतुचक्र के बाद पहली सोलह रात्रियां ऋतुकाल कहलाती हैं, इनमें से प्रथम चार रात्रियों को गर्भाधान के लिये उचित नहीं माना गया है |
प्रथम रात्रि उचित नहीं
द्वितीय रात्रि उचित नहीं
तृतीय रात्रि उचित नहीं
चौथी रात्रि अल्पजीवी पुत्र
पाँचवी रात्रि पुत्री
for more detail please visit http://trinetraastro.com/child-horoscope/santan-muhurt/
ऋतुचक्र के बाद पहली सोलह रात्रियां ऋतुकाल कहलाती हैं, इनमें से प्रथम चार रात्रियों को गर्भाधान के लिये उचित नहीं माना गया है |
प्रथम रात्रि उचित नहीं
द्वितीय रात्रि उचित नहीं
तृतीय रात्रि उचित नहीं
चौथी रात्रि अल्पजीवी पुत्र
पाँचवी रात्रि पुत्री
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ganesh dev ki peeth
https://youtu.be/HniBLBX_8_M
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कुंडली मे सौतन का योग चतुर्थ भाव स्त्री कुंडली मे सौतन विषयक संकेत भी दे...