श्रेष्ठ
संतान के लिये मुहूर्त देखकर करें गर्भधारण -
ऋतुचक्र के बाद पहली सोलह रात्रियां ऋतुकाल कहलाती हैं, इनमें से प्रथम चार रात्रियों को गर्भाधान के लिये उचित नहीं माना गया है |
प्रथम रात्रि उचित नहीं
द्वितीय रात्रि उचित नहीं
तृतीय रात्रि उचित नहीं
चौथी रात्रि अल्पजीवी पुत्र
पाँचवी रात्रि पुत्री
for more detail please visit http://trinetraastro.com/child-horoscope/santan-muhurt/
ऋतुचक्र के बाद पहली सोलह रात्रियां ऋतुकाल कहलाती हैं, इनमें से प्रथम चार रात्रियों को गर्भाधान के लिये उचित नहीं माना गया है |
प्रथम रात्रि उचित नहीं
द्वितीय रात्रि उचित नहीं
तृतीय रात्रि उचित नहीं
चौथी रात्रि अल्पजीवी पुत्र
पाँचवी रात्रि पुत्री
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