नामर्दी ,ठंडापन व कामाँगो के अन्य विकार का ज्योतिषीय कारण
1 –सूर्य व चंद्र
एक-दूसरे से ठीक सातवे स्थान मे हो और उन की एक-दूसरे पर पारस्परिक दृष्टि पड़ती
हो तो जातक या तो शारीरिक रूप से ही क्लीव [हिंजडा] होगा अथवा कम-क्रिया मे असमर्थ
,नपुंसक होगा.
2 –मंगल व शनि एक-
दूसरे से सातवे हो तो जातक नपुंसक होगा.
3 –सूर्य सम राशि मे
हो और उसके सातवें स्थान पर मंगल स्थित होकर वे दोनो एक -दूसरे को सीधे देखते हो,तो भी जातक क्लीव होगा.
4 –चंद्र और लग्न
विषम राशि मे हो और उन लोगो पर मंगल एक साथ दृष्टि डालता हो,तो ऐसा जातक नपुंसक होगा.
5 – बुध अकेला आठवें
भाव ............................................
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