Thursday 23 October 2014

deepawali laxmi pujan muhurt 2014

                                               

                                                     दीपावली 2014 का लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 





 शाम को           6 : 41 से 8 : 37          वृष लग्न

 रात्रि मे             1 : 08 से  03 : 33       सिंह लग्न

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Sunday 5 October 2014

shani ki dhaiya aur sadhe saati

साढ़े साती या ढईया



राशि ———–साढ़े साती या ढईया

मेष ————ढईया 2 नवंबर 2014से शुरू
कर्क ———–ढईया 2 नवंबर 2014को उतरेगी
सिंह ———–ढईया 2 नवंबर 2014से शुरू
कन्या ———साढ़े साती 2 ..................................................................................................................................

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Wednesday 1 October 2014

flat ka vastu ke anusaar chayan [shreshth flat]

                फ्लैट और अपार्टमेंट का वास्तु के अनुसार चयन [श्रेष्ठ स्थिति]

1 –मुख्य द्वार से किसी नदी नहर जलाशय का दृश्य दिखता हो
2 –मुख्य द्वार ड्रॉयिंग रूम मे खुलता हो और वहाँ सूर्य का प्रकाश आता हो.
3 –मुख्य द्वार से रसोई का द्वार ना दिखता हो और ना ही पिछला द्वार दिखता हो
4 –ड्रॉयिंग रूम के संपदा क्षेत्र से बेडरूम मे जाने का मार्ग हो.
5 –बड़े रसोई घर मे ही..............................................................................

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Tuesday 30 September 2014

bathroom aur shouchalay

बाथरूम और शौचालय


बाथ रूम हमारे घर का सबसे महत्वपूर्ण कमरा होता है. लेकिन अक्सर देखा जाता है की लोग बाथरूम को कही भी बनवा देते हैं . जोवस्तु के नियम के विरुद्ध होता है. मैने स्वयं कई लोगो के घर के वास्तु निरीक्षण मे बाथरूम को सीढ़ी के नीचे ,मेन गेट के सामने, किचन के सामने यहाँ तक की पूजा स्थान के सामने भी पाया है. बाथरूम ग़लत स्थिति मे होने पर आदमी को कंगाल तक बना देता है.
छोटा बाथरूम ग़रीबी का वातावरण बनाता है. वही एक विस्तृत बाथरूम वैभव और संपन्नता को दिखता है
बाथरूम अगर ज़्यादा छोटा हो तो दर्पण लगा कर बड़ा दिखाया जा सकता है. और शुद्ध ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाया जा सकता है.
बाथरूम को सुंदर और आकर्षक बनाना चाहिए. खिड़की ज़रूर होनी चाहिए. जिस से नकारात्मक ऊर्जा निकल जाए .
घर के बीचो बीच का बाथरूम पूरे घर मे नकारात्मक ऊर्जा...........................................................................

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Wednesday 24 September 2014

Maa DURGA ka sahi chitra


मा दुर्गा का सही चित्र




हर जगह माता दुर्गा की चीते पर बैठी हुई तस्वीर ही मिलती है. यही चित्र पूरे बाजार मे भरा पड़ा है . जो पूरी तरह से ग़लत है . आप ग़लत चित्र के आगे चाहे जितनी पूजा कर लो या सप्तशती का पाठ कर लो कुछ भी फल नही मिलने वाला है. कौन सा चित्र खरीदें इसके लिए बता रहा हूँ.
मा दुर्गा का अवतार महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए हुआ था .
चित्र मे मा दुर्गा शेर [लायन] पर बैठी हुई चीते [टाइगर] पर नही. मा तलवार लेकर महिषासुर का गला काटने जा रही हो.

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मा दुर्गा का सही चित्र






Tuesday 23 September 2014

navratri vishesh

                                   नवरात्रि दुर्गा शप्तशती का पाठ का क्रम

नवरात्रि मे बहुत से लोग माता दुर्गा की उपासना करते है एवं दुर्गा शप्तशती का पाठ करते हैं.दुर्गा शप्तशती का पाठ 13 अध्याय का होता है जिसे लोग 7 या 8 दिन मे पूर्ण करते हैं कुछ लोग अष्टमी को हवन करते है और लोग नवमी को लेकिन 7 या 8 दिन मे दुर्गा शप्तशती के पाठ का क्रम अलग –अलग होता है . आज यहा आपको दुर्गा शप्तशती के 7 दिन एवं 8 दिन मे पूर्ण करने का सही क्रम दिया जा रहा है जिससे आप उपासना कर के भगवती दुर्गा की असीम ............................................                                          

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Sunday 21 September 2014

Navratri 2014 [ SHARDIYA ]

नवरात्रि विशेष 


25/09/2014 से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रही है. हर जगह नवरात्रि से संबंधित पूजन सामग्री की दुकाने सजने वाली हैं . लोग माता की पूजा के लिए प्रसाद और माता का चित्र , मूर्ति ख़रीदेंगे हैं. लेकिन हर जगह माता दुर्गा की चीते पर बैठी हुई तस्वीर ही मिलती है. यही चित्र पूरे बाजार मे भरा पड़ा है . जो पूरी तरह से ग़लत है . आप ग़लत चित्र के आगे चाहे जितनी पूजा कर लो या सप्तशती का पाठ कर लो कुछ भी फल नही मिलने वाला है. कौन सा चित्र खरीदें इसके लिए बता रहा हूँ.
मा दुर्गा का अवतार महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए हुआ था .
चित्र मे मा दुर्गा............................................................................................................................................................ 

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Thursday 18 September 2014

moolank do ' 2 '


मूलांक दो 2 का भविष्य कथन


जो व्यक्ति अँग्रेज़ी माह के 2.11.20.29 तारीख को पैदा होते है उनका मूलांक 2 होता है .इसका स्वामी चंद्र होता है .सूर्य चंद्रमा मित्र है .इसलिए 2 अंक वृहद अंक की श्रेणी मे आता है.इसलिए 2 अंक वाले व्यक्तियों को 1 अंक भी शुभ बताया गया है.
चंद्र एक सुंदर शांत और शीतल ग्रह है . मूलांक 2 के व्यक्ति शारीरिक शक्ति कमजोर होती है.लेकिन दीमाग बहुत तेज होता है .
ये सौंदर्य प्रेमी सुंदर शांत चंचल कल्पना शक्ति वाले होते है. लेकिन इनमे वैचारिक मजबूती की कमी होती है.ये काम तो बड़े उत्साह से शुरू करते है .लेकिन बिना समाप्त किए
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Wednesday 17 September 2014

Naadi [ नाड़ी ]

नाड़ी



शारीरिक परेशानी रोग ,अशांति ,उत्तेजना,आदि का प्रभाव एक नाड़ी होने से बढ़ जाता है . जैसे कफ रोगी की कफ कारक वस्तु से कफ पीड़ा बढ़ जाती है ठीक वैसे नाड़ी से पति-पत्नी की चैतन्यता ,शून्यता ,प्रश्न्ञता,सुख –दुख मे वृद्धि या हानि का योग बनता है इसलिए नाड़ी दोष की उपेक्षा करना भयंकर परिणाम देता है . नाड़ी एक होना ब्राह्मण वर्न केलिए प्रबल दोष है ,विवाह वर्जित है अन्य वर्णो केलिए यह दोष परिहार्य है.
अश्विनी से लेकर 27सेलेकर नक्षत्रो के 9-9नक्षत्रो के 3 भाग करने पर .................................................................................

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moolank ek ' 1 ' ka bhavishya fal

                                                         मूलांक एक का भविष्य फल

जिन लोगो का जन्म 1 , 10 ,19 या 28 तारीख को होता है उनका मूलांक एक होता है.मूलांक एक वृहद अंक की श्रेणी मे आता है इसका स्वामी सूर्य होता है .मूलांक एक का प्रतिनिधि ग्रह सूर्य होने के कारण ऐसे व्यक्ति प्रबल महत्वाकांक्षी,स्वाभिमानी ,एवम् मजबूत इक्षा शक्ति वाले होते है .
मूलांक एक की चारित्रिक विशेषताएँ
आप लोगो की  सहन शक्ति उत्तम कोटि की होती है जीवन मे आपको भयंकर उथल-पुथल देखनी पड़ती है . नेतृत्व करने की .....................................................................................................                                  for more detail please click this link   http://trinetraastro.com/ 
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Friday 12 September 2014

Feng shui dwara apartment flat ka chayan

                                                फेंग शुई द्वारा अपार्टमेंट फ्लैट का चयन 


जब आप रहने के लिए किसी अपार्टमेंट  का चुनाव करे तो सबसे पहले यह देखे की अपार्टमेंट किस स्थान पर बना हुआ है .  हमारे भारतीय वास्तु से फेंगशुई  वास्तु मे काफ़ी अंतर है .

आप देखे की अपार्टमेंट भू खंड पर अकेला है या उसके आस –पास अन्य अपार्टमेंट भी हैं,क्या उनकी उचाई समान हैं या कम या अधिक . अधिक ऊँचे अपार्टमेंट आपके द्वारा चुने गये अपार्टमेंट के लिए अशुभ होते हैं .

जो अपार्टमेंट किसी जगह पर अकेला खड़ा होता है वह भी शुभ नही होता ,क्योकि उसके पास से चलती वायु अपार्टमेंट मे प्रवेश करने वाली शुभ उर्जा ची को अपने साथ उड़ा कर ले जाती है.

अँग्रेज़ी का अक्षर एल,पी,जी  आकर के अपार्टमेंट फेंगशुई की  के अनुसार ......................................................

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Thursday 11 September 2014

Pati - Patni sambandh


                                                               पति – पत्नी संबंध

विवाह से 4 दिन पूर्व  साबुत हल्दी की 7 गाँठ ,पीतल के 3 सिक्के ,तोड़ा सा केसर ,गुड और चने दाल को पीले कपड़े मे बाँध कर कन्या अपने ससुराल की दिशा मे उछाल दे .इस टोटके द्वारा कन्या को अपने पति और ससुराल का हमेशा प्यार मिलेगा.

पति से मन मोटॉव दूर करने के लिए 7 गोमती चक्र ,7 लघु नारियल, 7मोती शंख और पीला वस्त्र लाए .फिर सभी सामग्री को पति के उपर से उतार कर जलती हुई होलिका मे फेक दे ,फिर पीछे देखे बिना घर आ जाए .

यदि कभी किसी स्त्री को दान करने की इच्छा हो तो दान सामग्री मे लाल सिंदूर के साथ इत्र की शीशी , चने की दाल तथा केसर अवश्य रखें . इस प्रयोग से सुहाग की आयु मे वृद्धि होगी.

विवाहित स्त्री को अपने परिवार की कुशलता के लिए नित्य दुर्गा चालीसा के पाठ के साथ उनके 108 नाम का नित्य जाप करना चाहिए.

यदि किसी कारण वश किसी सुहागिन का ससुर उससे नाराज़ रहता हो तो वह स्त्री प्रतिदिन जल मे ................ for more detail please click this link http://trinetraastro.com/
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Wednesday 3 September 2014

Motape ka jyotishiya karan

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Santaan sambandhit samasya ka jyotishya karan

         
                                       मातृत्व सुख, समस्याएँ और  निदान
स्त्री  जीवन की सार्थकता मातृत्व मे ही देखी गयी है.विवाह संस्था का मुख्य प्रायोजन भी यही है की स्त्री,पुरुष संतान को जन्म देकर सृष्टि की रचना मे अपना योगदान कर ,पूर्वजों ऋण से मुक्त  हो जाए.
जातक परिजातके अनुसार ,संतान उत्पत्ति स्त्री के जीवन को सार्थक बनाकर उसका भग्योदय करती है. अतः नवम भाव को भी संतान भाव के रूप मे माना जाना चाहिए .नवमेश की कुंडली मे स्थिति व अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंधों पर भी विचार किया जाना चाहिए.
ऋषिपराशर के अनुसार लग्न और चंद्र लग्न से नवम भावों मे से जो बलशाली हो ,वही भाव  संतानोत्पत्ति के लिए कारक भाव माना जाना चाहिए .दूसरी ओर जैमिनी ऋषिने स्त्री के कुंडली मे संतान के संकेत के लिए सप्तम भाव के अध्ययन की भी आवश्यकता बताई है.

व्यस्क और स्वस्थ स्त्री मे उसके रजस्वला होने से लेकर रजोनिव्रित्ति  तक का काल एक कामचक्र 

द्वारा चक्र का एक चरण अंड निर्माण व प्रवाह का और दूसरा चक्र मासिक धर्म का एक होता है,जो 

बारी-बारी से चलते रहते है.ज्योतिर्विदो के अनुसार यह कामचक्र मंगल व चंद्र के बीच                                                                                                                                                                                                            for more detail please click this link http://trinetraastro.com/
  
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maa na ban paane ka jyotishiya karan

                                                        मातृत्व सुख, समस्याएँ और  निदान
स्त्री  जीवन की सार्थकता मातृत्व मे ही देखी गयी है.विवाह संस्था का मुख्य प्रायोजन भी यही है की स्त्री,पुरुष संतान को जन्म देकर सृष्टि की रचना मे अपना योगदान कर ,पूर्वजों ऋण से मुक्त  हो जाए.
जातक परिजातके अनुसार ,संतान उत्पत्ति स्त्री के जीवन को सार्थक बनाकर उसका भग्योदय करती है. अतः नवम भाव को भी संतान भाव के रूप मे माना जाना चाहिए .नवमेश की कुंडली मे स्थिति व अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंधों पर भी विचार किया जाना चाहिए.
ऋषिपराशर के अनुसार लग्न और चंद्र लग्न से नवम भावों मे से जो बलशाली हो ,वही भाव  संतानोत्पत्ति के लिए कारक भाव माना जाना चाहिए .दूसरी ओर जैमिनी ऋषिने स्त्री के कुंडली मे संतान के संकेत के लिए सप्तम भाव के अध्ययन की भी आवश्यकता बताई है.
व्यस्क और स्वस्थ स्त्री मे उसके रजस्वला होने से लेकर रजोनिव्रित्ति  तक का काल एक कामचक्र द्वारा चक्र का एक चरण अंड निर्माण व प्रवाह का और दूसरा चक्र मासिक धर्म का एक होता है,जो बारी-बारी से चलते रहते है.ज्योतिर्विदो के अनुसार यह कामचक्र मंगल व चंद्र के बीच चलने वाली पारस्परिक प्रक्रिया होती है.पुरानी कोशिकाओं को तोड़कर मासिक धर्म स्राव कारण  मंगल का नयी कोशिकाओं का निर्माण और आंड निर्माण व प्रवाह चंद्र का दायित्व होता है. इस प्रकार यह काम-चक्र मंगल व चंद्र की पारस्परिक प्रक्रिया का ही प्रतिफल होता है.चंद्रमा बारहो राशियों मे अपने भ्रमण का एक चक्र दो चरणो मे 27.32 दिन मे करता है. इसी के अनुसार स्त्री के उत्पत्ति अंगों मे काम-चक्र भी इसी के अनुसार चलते                                                                                                                                                                                                                                          for more detail please click this link  http://trinetraastro.com/
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Sunday 24 August 2014

Namardi , thandapan ka jyotishiya karan

                                  नामर्दी ,ठंडापन व कामाँगो के अन्य विकार का ज्योतिषीय कारण

1 –सूर्य व चंद्र एक-दूसरे से ठीक सातवे स्थान मे हो और उन की एक-दूसरे पर पारस्परिक दृष्टि पड़ती हो तो जातक या तो शारीरिक रूप से ही क्लीव [हिंजडा] होगा अथवा कम-क्रिया मे असमर्थ ,नपुंसक होगा.
2 –मंगल व शनि एक- दूसरे से सातवे हो तो जातक नपुंसक होगा.
3 –सूर्य सम राशि मे हो और उसके सातवें स्थान पर मंगल स्थित होकर वे दोनो एक  -दूसरे को सीधे देखते हो,तो भी जातक क्लीव होगा.
4 –चंद्र और लग्न विषम राशि मे हो और उन लोगो पर मंगल एक साथ दृष्टि डालता हो,तो ऐसा जातक नपुंसक होगा.
5 – बुध अकेला आठवें भाव   ............................................                                                                                                      
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Kundali me sautan ka yog

                                                             कुंडली मे सौतन का योग

चतुर्थ भाव स्त्री कुंडली मे सौतन विषयक संकेत भी देता है ,इस भाव पर अशुभ [क्रूर]ग्रहो विशेषकर सूर्य ,राहु या शनि का किसी भी प्रकार की स्थिति, राशि-स्थिति ,संगति या दृष्टि संबंधी दुष्प्रभाव उस स्त्री के जीवन मे सौतन की समस्या के संकेतक माने जा सकते हैं.
चतुर्थ भाव के समान ही बारहवां भाव भी जातक के सुखों का प्रतिनिधित्व करता है ,यह विशेषकर सेज-सुख ,यौन-क्रीड़ा आदि के विषय मे स्पष्ट संकेत देता है.
बारहवा भाव,कुंडली के सप्तम भाव से छ्ट्वा होता है ,और इस प्रकार वह जातक [स्त्री और पुरुष]के वैवाहिक जीवन के प्रतिद्वंदियो या शत्रुओं का संकेतक होता है,स्त्री के जीवन मे सौतन की समस्या लाने वाले कुछ महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दुर्योग निम्न प्रकार है….
1 – यदि लग्न ,चंद्र लग्न और मंगल लग्न से पड़ने वाले सातवे घर अशुभ ग्रहो की उनमे उपस्थिति या उन पर दृष्टि द्वारा दुष्प्रभावित हो और विशेषकर राहु उनमे से किसी                                                                         

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Saturday 23 August 2014

naree aur vastu

                                                                        नारी और वास्तु 

वास्तु शास्त्र मे मकान मे नारी या गृहणी का अहम स्थान है ,बिना नारी के मकान की उपयोगिता नही ,और बगैर वास्तु के मकान शमशान या मरघट मे तब्दील हो जाता है ,इस लेख मे वास्तु और नारी के बीच संबंधो वा संतुलन से पैदा होने वाली उपयोगी उर्जा पर ज़ोर दिया गया है ,अगर घर की स्त्रियाँ वास्तु सम्मत तरीके से कार्य व्यवहार करे ,तो उनका जीवन स्वास्थ्य  पूर्ण वा ऊर्जामयी होगा ,ऐसी स्त्रियाँ जीवन मे काफ़ी तरक्की करती है ,और रोग मुक्त उल्लास पूर्ण जिंदगी व्यतीत करती है ,
गृहणी का जयदातर समय घर मे रसोई मे या घर के साफ-सफाई के कार्यो मे व्यतीत होता है ,जैसे किचन को ही ले लें ,वास्तु मे बताया गया है की खाना बनाते समय गृहणी का चेहरा किस दिशा मे होना चाहिए ,किचन का सिन्क वा चूल्हा कहाँ होना चाहिए ,किचन का दरवाजा किस दिशा मे होना चाहिए ,किचन के भारी सामानो को किस दिशा मे रखना चाहिए ,किचन मे कौन-कौन सी वस्तुओ को रखना चाहिए आदि ढेर सारी बाते स्त्रियों के स्वास्थ्य वा रिश्तों से जुड़ी है ,अगर स्त्रियाँ वास्तु सम्मत तरीके से कार्य करे , तो उनका जीवन काफ़ी सुख पूर्ण वायतीत होगा ,आइए,वास्तु सम्मत वा वास्तु विरुद्ध कार्य व्यवहार करने वाली स्त्रियों पर वास्तु के प्रभाव ,दुष्प्रभाव व स्वास्थ्य पर एक नज़र डालते है,
1 –आजकल हर उम्र की स्त्रियों का स्वस्थ 4-5 दसक पहले की स्त्रियों की तुलना मे ज़यादा खराब रहने लगा है ,रहन सहन, ख़ान पान ,व्यवहार आदि हर प्रकार की सावधानिया बरतने के बाद भी महिलाओ मे रोग बढ़ते ही जा रहे है ,कारण क्या है/अगर ........................................................................

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Saturday 9 August 2014

Rakshabandan ka muhurta 2014


रक्षाबन्धन एक हिन्दू त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबन्धन

 में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी 

 धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं 

परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बन्धियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी 

बाँधी जाती है।

रक्षाबन्धन का मुहूर्त 2014



श्रावण पूर्णिमा रविवार को दोपहर १: २० तक भद्रा है. इसके बाद पूरे दिन 

रक्षा बांधने का मुहूर्त है.

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Wednesday 11 June 2014

dhan lakshmi shankh dakshinavarti shankh


                                                 धन लक्ष्मी शंख दक्षिणावर्ती  शंख


                      यह शंख समुद्र मे पैदा होता है. जहाँ से लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ. यह शंख भगवती लक्ष्मी का लघु भ्राता कहलाता है.यह शंख लक्ष्मी का ही दूसरा स्वरूप है और प्रत्येक गृहस्थ को अपने घर मे इस शंख को रखना चाहिए . संसार मे जितने शंख पाए जाते हैं वे बाईं तरफ से खुलने वेल होते हैं , परंतु जो शंख दाहिनी ऑर खुलते हैं उस शंख को दक्षिणावर्ती शंख कहा जाता हा.
                       छोटा दक्षिणावर्ती शंख प्रयोग मे नही लाना चाहिए ,क्यूंकी  वह उतना अधिक फलदायक और अचूक नही होता है. कम से कम जिस शंख मे आधा ...............

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Friday 23 May 2014

shadi me deri ka upay

                                                                गौरीशंकर रुद्राक्ष

जब विवाह मे अत्यधिक विलंब हो रहा हो, विवाह हो गया हो और जीवन साथी से सामंजस्य नही बन रहा हो , तलाक़ की अर्थात दांपत्य जीवन तार तार होने की नौबत आ गयी हो और इन समस्याओं से छुटकारा पाने के विभिन्न उपाय भी नाकाफ़ी हो गये हो , तो गौरीशंकर रुद्राक्ष तत्काल सुफल प्रदान करता है. गौरीशंकर रुद्राक्ष को मुख्य रूप से विवाह मे आ रही बाधाओं के निवारण , शीघ्र विवाह और सफल दांपत्य जीवन के लिए धारण किया जाता है. गौरीशंकार रुद्राक्ष अद्भुत , अनोखा, दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है. जब दो रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से आपस मे जुड़े हुए होते है, उस युगल रुद्राक्ष को शिव और शिवा का प्रतीक मानते हुए --------

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gauri shankar rudraksh

                                                           गौरीशंकर रुद्राक्ष

जब विवाह मे अत्यधिक विलंब हो रहा हो, विवाह हो गया हो और जीवन साथी से सामंजस्य नही बन रहा हो ,
तलाक़ की अर्थात दांपत्य जीवन तार तार होने की नौबत आ गयी हो और इन समस्याओं से छुटकारा पाने के विभिन्न उपाय भी नाकाफ़ी हो गये हो , तो गौरीशंकर रुद्राक्ष तत्काल सुफल प्रदान करता है. गौरीशंकर रुद्राक्ष को मुख्य रूप से विवाह मे आ रही बाधाओं के निवारण , शीघ्र विवाह और सफल दांपत्य जीवन के लिए धारण किया जाता है. गौरीशंकार रुद्राक्ष अद्भुत , अनोखा, दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है. जब दो रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से आपस मे जुड़े हुए होते है, उस युगल रुद्राक्ष को शिव और शिवा का प्रतीक ------

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Thursday 22 May 2014

vastu ke anusar bed room

वास्तु में शैया का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि मनुष्य अपने जीवन का एक तिहाई भाग शयनकक्ष में ही बिताता है। योगशास्त्र में भी निद्रा की अवधि और अवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें जागृत, स्वप्न, सुषुप्ति व तुरीय चार अवस्थाएँ बताई गई हैं। 

वास्तुशास्त्र में शैया के लिए लकड़ी के स्पष्ट निर्देश हैं कि वृक्ष की आयु का परीक्षण करके ही उसका प्रयोग करना चाहिए। दक्षिण भारत के ग्रंथों में शैया के लिए चंदन का प्रयोग भी उचित ठहराया गया है। 

शैया की माप के बारे में विधान है कि शैया की लंबाई सोने वाले व्यक्ति की लंबाई से कुछ अधिक होना चाहिए। पलंग में लगा शीशा वास्तु की दृष्टि से दोष है, क्योंकि शयनकर्ता को शयन के समय अपना प्रतिबिम्ब नजर आना उसकी आयु क्षीण करने के अलावा दीर्घ रोग को जन्म देने वाला होता है।
एक आरामदायक शयन कक्ष के लिए जो तथ्य जरूरी हैं, वे हैं आरामदायक पलंग, आँखों को भाने वाली रोशनी और कमरे की सजावट। कमरे की सजावट के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं-


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Monday 31 March 2014

puja vidhi

                     पूजन विधि [संक्षिप्त] या पाँचोपचार पूजन विधि

पूजन का नाम आते ही लोग परेशान हो जाते है की सही ढंग से कैसे पूजन करें . किसी ना किसी पंडित को खोजने लगते है . नोकारी पेशा लोग कहते है की पूजन के लिए टाइम नही है. इसलिए आज आपको पूजन की शास्त्रोक्त विधि बताने जा रहा हूँ जिस से आप सही ढंग से दो मिनट मे पूजन कर सकते है .शास्त्रो मे इस पूजन को पँचोपचार पूजन कहते है.
इसकी विधि इस प्रकार है……………………………..
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Navratri vishesh

                                    नवरात्रि विशेष

31/03/2014  आज से नवरात्र प्रारंभ हो गया है. आज हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ हो गया है . सभी हिंदू भाई बहनो को हिंदू नव वर्ष की शुभ कामनाए. हर जगह नवरात्रि से संबंधित पूजन सामग्री की दुकाने सज गयी है . लोग माता की पूजा के लिए प्रसाद और माता का चित्र , मूर्ति खरीद रहे हैं.  लेकिन हर  जाग माता चीते पर बैठी हुई है यही चित्र पूरे बाजार मे भरा पड़ा है . जो पूरी तरह से ग़लत है . आप ग़लत चित्र के आगे चाहे जितनी पूजा कर लो या सप्तशती का पाठ कर लो कुछ भी फल नही मिलने वाला है. कौन सा चित्र खरीदें इसके लिए बता रहा हूँ................
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Monday 10 March 2014

parad shiv ling

 
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                                                          पारद शिव लिंग

पारद एक  विशिष्ट तरल रूपी धातु है और स्वयं सिद्ध पदार्थ है. मनुष्य  के सोलह संस्कार होते है लेकिन पारद के 18 संस्कार होते है. गोपनीय विधियो से कई संस्कार से पारद शिवलिंग का निर्माण किया जाता है. पारद शब्द की व्याख्या करे तो पा – विष्णु , आ – कालिका , द – ब्रह्मा के बीज अक्षर  है.
पारद की उत्पत्ति भोले नाथ शिव के वीर्य [ रस ] से हुई ...............................................

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Sunday 9 March 2014

holi par dhan laabh ke prayog


                          होली पर धन लाभ के प्रयोग

होली की रात मे चंद्रमा उगने के बाद छत पर जाए. चंद्रमा को दीपक दिखाकर,धूपबत्ती,अगरबत्ती, सफेद प्रसाद और साबूदाने की खीर का भोग लगाये. और अपने घर मे सुख-संपत्ति,शान्ति,स्थायी आर्थिक संपन्नता का चंद्रदेव से अनुरोध करे थोड़े दिनो मे आपको अंतर महसूस होगा.

आपको यदि लगातार व्यवसाय मे हानि हो रही . तो होली जलने की शाम को अपने मुख्यद्वार चौखट पर दोमुखी आटे का दीपक बनाकर ............................

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ganesh dev ki peeth

https://youtu.be/HniBLBX_8_M